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Day 341 – “Market Profile में Time Frame और Volume का उपयोग”

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📚 Table of contents

|| 365-दिन स्टॉक मार्केट मास्टर प्लान ||
समय और मात्रा, दोनों मिलकर बनाते हैं सही फैसला।”


1. Market Profile में Time Frame क्यों महत्वपूर्ण है?

  • अलग-अलग टाइम फ्रेम (जैसे 5 मिनट, 30 मिनट, 1 घंटा) से Market Profile बनाकर, आप छोटे और बड़े पैमाने पर प्राइस मूवमेंट को समझ सकते हैं।
  • छोटे टाइम फ्रेम पर जल्दी मूवमेंट पकड़ सकते हैं, जबकि बड़े टाइम फ्रेम से ट्रेंड की दिशा और मजबूत सपोर्ट/रेसिस्टेंस मिलते हैं।

2. Volume और Market Profile का संबंध:

  • Market Profile में वॉल्यूम ट्रेडिंग की ताकत बताता है।
  • High Volume POC (Point of Control) मजबूत सपोर्ट या रेसिस्टेंस क्षेत्र होता है।
  • वॉल्यूम के साथ प्राइस मूवमेंट को देखना जरूरी है ताकि फेक ब्रेकआउट से बचा जा सके।

3. ट्रेडिंग के लिए टिप्स:

  • एक ही स्टॉक के लिए कम से कम दो अलग-अलग टाइम फ्रेम में Market Profile देखें।
  • वॉल्यूम हाई होने पर POC या Value Area के ब्रेक पर ध्यान दें।
  • अगर प्राइस कम वॉल्यूम पर ब्रेक करता है, तो सावधानी बरतें।

4. आज का टास्क:

  • अपने पसंदीदा स्टॉक का Market Profile बनाएं दो अलग-अलग टाइम फ्रेम पर।
  • POC और Value Area के साथ वॉल्यूम को मिलाकर देखें।
  • नोट करें कि कब और कैसे प्राइस मूव होता है।
  • एक ट्रेडिंग प्लान बनाएं जिसमें टाइम फ्रेम और वॉल्यूम की जानकारी शामिल हो।

5. माइंडसेट टिप:

  • बाजार में धैर्य और सही टाइमिंग ही सबसे बड़ी ताकत है।
  • Multi-time frame analysis से अपनी समझ और पक्का करें।

6. आज का मंत्र:

समय और मात्रा के साथ चलो, बाजार की चाल को समझो।”


 

Disclaimer:

सभी जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य (Educational Purpose) के लिए प्रदान की गई है। यह कोई निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है।

पाठकों से निवेदन है कि वे किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य लें।

यह ब्लॉग SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है और किसी भी लाभ या हानि के लिए लेखक या वेबसाइट उत्तरदायी नहीं होगी।

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