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Day 349 – “Market Profile में Value Area और Value Area High/Low”

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📚 Table of contents

|| 365-दिन स्टॉक मार्केट मास्टर प्लान ||
जहाँ बाज़ार के सबसे ज़्यादा व्यापारी सक्रिय रहते हैं, वही बनता है असली मूल्य क्षेत्र।”


1. Value Area क्या है?

  • Value Area (VA) वह प्राइस रेंज होती है जिसमें कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का लगभग 70% हिस्सा होता है।
  • यह रेंज दिखाती है कि बाजार ने दिन भर में सबसे ज़्यादा कहाँ कीमत को स्वीकार किया।

2. Value Area High (VAH) और Value Area Low (VAL):

  • VAH = Value Area का उच्चतम प्राइस।
  • VAL = Value Area का न्यूनतम प्राइस।
  • ये दोनों स्तर महत्वपूर्ण सपोर्ट और रेसिस्टेंस के रूप में काम करते हैं।

3. Value Area का उपयोग:

  • प्राइस VAH से ऊपर जाए तो ब्रेकआउट और बुलिश ट्रेंड हो सकता है।
  • प्राइस VAL से नीचे जाए तो बियरिश मूव हो सकता है।
  • VA के भीतर प्राइस कंसोलिडेशन या साइडवेज मूवमेंट का संकेत देता है।

4. ट्रेडिंग में रणनीति:

  • VAH और VAL को मार्केट प्रॉफाइल चार्ट पर पहचानें।
  • इनके ब्रेक या रिवर्सल पर ट्रेडिंग सिग्नल देखें।
  • VAH पर शॉर्ट और VAL पर लॉन्ग पोजीशन लेना एक सामान्य रणनीति हो सकती है।

5. आज का टास्क:

  • किसी स्टॉक या इंडेक्स का मार्केट प्रॉफाइल देखें और VA, VAH, VAL मार्क करें।
  • देखें कि प्राइस इन लेवल्स के साथ कैसे व्यवहार करता है।
  • VAH और VAL के आधार पर आज के लिए एक ट्रेडिंग प्लान बनाएं।
  • अपने ट्रेडिंग अनुभव को नोट करें और सुधार के लिए टिप्स बनाएं।

6. माइंडसेट टिप:

  • मार्केट प्रॉफाइल की VA रेंज से बाज़ार की असली पसंद पता चलती है।
  • मार्केट के पसंदीदा दामों को समझना सफलता की कुंजी है।

7. आज का मंत्र:

जहाँ भी कीमतें सबसे ज़्यादा ठहरती हैं, वहाँ है बाजार की असली बात।”


 

Disclaimer:

सभी जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य (Educational Purpose) के लिए प्रदान की गई है। यह कोई निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है।

पाठकों से निवेदन है कि वे किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य लें।

यह ब्लॉग SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है और किसी भी लाभ या हानि के लिए लेखक या वेबसाइट उत्तरदायी नहीं होगी।

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